पटाखों का बदलता ट्रेंड- लोग अब पुराने तेज धुएं वाले पटाखों के बजाय ईको-फ्रेंडली और सुरक्षित विकल्पों की तरफ बढ़ रहे हैं। इसका मुख्य कारण है बढ़ते प्रदूषण से राहत और सभी के स्वास्थ्य का ख्याल रखना।
पर्यावरण-संवेदनशील पटाखे का आगमन- अब कई निर्माता ऐसे पटाखे बना रहे हैं जो प्राकृतिक सामग्री से बने हैं और प्रदूषण भी कम करते हैं। ये पटाखे कम धुआं और कम आवाज पैदा करते हैं।
कम धुआं, अधिक रौशनी वाले पटाखे- कम धुएं और अधिक रौशनी वाले पटाखों में ऐसी तकनीक का उपयोग किया गया है, जो प्रदूषण को नियंत्रित रखती है और देखने में भी शानदार लगती है।