डी'सूज़ा चाल - मुंबई की एक भूतिया गाथा 

मुंबई की डी'सूज़ा चाल न केवल अपनी पुरानी रिहायशी संस्कृति के लिए जानी जाती है, बल्कि एक डरावनी घटना के लिए भी मशहूर है। कहते हैं कि इस चाल में एक आत्मा का साया मंडराता है, जिसे कई निवासियों ने देखा और महसूस किया है। 

कहानी की शुरुआत सालों पहले हुई थी, जब एक महिला गलती से चाल के पुराने कुएं में गिर गई थी। उसकी मदद करने के लिए कोई नहीं था, और वह वहीं मर गई। तब से, लोग कहते हैं कि उसकी आत्मा अब भी उस कुएं के पास भटकती है। 

रात के समय, कुएं के पास से अक्सर अजीब आवाजें आती हैं। कई निवासियों ने बताया है कि उन्होंने वहां एक सफेद साड़ी में लिपटी महिला को देखा है, जो अचानक गायब हो जाती है। 

कई लोगों का मानना है कि इस आत्मा का प्रकोप सिर्फ कुएं तक सीमित नहीं है। वह कभी-कभी गलियारों में भी देखी जाती है। रात के समय चाल के गलियारे से गुजरते हुए लोगों ने कई बार अजीब साये और ठंडी हवा का अनुभव किया है। 

कुछ कमरों से अजीब ध्वनियाँ सुनाई देती हैं, जैसे कोई दरवाजे पर दस्तक दे रहा हो, जबकि वहां कोई नहीं होता। कई परिवारों ने डर के मारे रात में अपने कमरे में ताला लगाकर सोना शुरू कर दिया है। 

वर्षों से, डी'सूज़ा चाल की यह कहानी मुंबई के कई हिस्सों में फैल चुकी है। यहां के बुजुर्ग लोग इस घटना की सच्चाई पर विश्वास करते हैं और इसे चाल का अभिशाप मानते हैं। लेकिन कुछ लोग इसे केवल एक अफवाह मानते हैं। 

डी'सूज़ा चाल की यह डरावनी कहानी आज भी जीवित है। चाहे सच्चाई हो या कल्पना, यह जगह अब भी लोगों के मन में एक डर और रहस्य बनाए हुए है। यहाँ रात बिताने की हिम्मत बहुत कम लोग करते हैं।